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What is GST in hindi with Pdf Notes | वस्तु एवं सेवा कर (भारत)

क्या आप भी हिन्दी मे सीखना चाहते है कि GST क्या है? (What is GST in hindi)। इस आर्टिकल मे आपको GST की जानकारी के साथ-साथ इसकी PDF Notes भी मुफ़्त मे डाउनलोड करने को मिलगी।

GST का फूल फॉर्म Good and Services Tax है। जिसे हिन्दी मे वस्तु एवं सेवा कर या माल एवं सेवा कर भी कहा जाता है। लेकिन यह GST के नाम से ज्यादा पॉपुलर और इस्तेमाल किया है।

What is GST in hindi | GST क्या है?

चलिए अब समझते है कि GST क्या है? what is GST in hindi?

GST in Hindi
GST in Hindi

Good and Services Tax (GST) एक अप्रत्यक्ष कर या उपभोग कर (indirect tax) है। जिसका उपयोग भारत में वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर किया जाता है।

जीएसटी को भारत के अन्य अप्रत्यक्ष करों जैसे कि Entertainment Tax, Value Added Tax, Excise Tax, Import Duties, Luxury Tax, Central Sales Tax, Service Tax और इस तरह के कुल 17 करों को बदलने और एक राष्ट्र एक टैक्स (One Nation One Tax) के उद्देश्य से लाया गया था।

जीएसटी अधिनियम 29 मार्च, 2017 को पारित किया गया था और 1 जुलाई, 2017 को लागू किया गया था।

जीएसटी एक व्यापक, बहु-मंचित, गंतव्य-आधारित कर (Comprehensive, Multistage and Destination-based Tax) है:

  • यह व्यापक (Comprehensive) है क्योंकि इसमें कुछ राज्य के करों को छोड़कर लगभग सभी अप्रत्यक्ष करों (indirect taxes) को शामिल किया गया है।
  • यह बहु-मंचित (Multistage) भी है क्योंकि उत्पादन प्रक्रिया में हर कदम पर जीएसटी लगाया जाता है, लेकिन अंतिम उपभोक्ता के अलावा अन्य उत्पादन के विभिन्न चरणों में सभी पक्षों को वापस कर दिया जाता है।
  • यह गंतव्य-आधारित कर (Destination-based tax) भी है, क्योंकि इसे वस्तुओं / सेवाओं की खपत के स्थान से प्राप्त किया जाता है, न कि उस स्थान से जहाँ से वस्तुओं / सेवाओं का उत्पादन हुआ है।

GST Council (जीएसटी परिषद)

चलिए अब थोड़ा GST Council के बारे मे जान लेते है जो GST को हर प्रकार से नियंत्रित और लागू करने का काम करता है।

जीएसटी परिषद, जीएसटी का शासी निकाय (Governing Body) है। जिसमें कुल 33 सदस्य हैं, जिसके अंतर्गत 2 सदस्य केंद्र सरकार के हैं और 28 राज्य सरकार और 3 केंद्र शासित प्रदेशों से होते हैं।

जीएसटी परिषद में निम्नलिखित सदस्य होते हैं:

  • केंद्रीय वित्त मंत्री, भारत सरकार (अध्यक्ष के रूप में- 1)
  • केंद्रीय राजस्व या वित्त राज्य मंत्री, भारत सरकार (सदस्य के रूप में – 1)
  • प्रत्येक राज्य सरकारों के वित्त या कराधान मंत्री या प्रत्येक राज्य सरकार द्वारा नामित अन्य मंत्री (सदस्य के रूप में – कुल 28 सदस्य)
  • प्रत्येक केंद्र शाषित प्रदेश सरकारों के वित्त या कराधान मंत्री या प्रत्येक केंद्र शाषित प्रदेश सरकार द्वारा नामित अन्य मंत्री (सदस्य के रूप में- 3 सदस्य)

जीएसटी परिषद, भारत में वस्तु और सेवा कर (Goods and Sevices Tax) के संदर्भ में किसी भी कानून या विनियमन को संशोधित करने, समेटने या खरीदने के लिए एक सर्वोच्च सदस्य समिति है।

जीएसटी परिषद का नेतृत्व केंद्रीय वित्त मंत्री (वर्तमान में श्रीमती निर्मला सीतारमण) द्वारा किया जाता है, जिसमें भारत के सभी राज्यों के वित्त मंत्री शामिल होते हैं।

जीएसटी परिषद भारत में किसी भी संशोधन या नियम या वस्तुओं और सेवाओं के किसी भी दर (GST Rate) परिवर्तन के लिए जिम्मेदार है।

वस्तुओं और सेवाओं को कर के संग्रह के लिए पांच अलग-अलग टैक्स स्लैब में विभाजित किया गया है – 0%, 5%, 12%, 18% और 28%।

हालांकि, पेट्रोलियम उत्पादों, मादक पेय, और बिजली पर जीएसटी के तहत कर नहीं लगाया जाता है और इसके बजाय इनपर अलग-अलग राज्य सरकारों द्वारा अलग-अलग कर लगाया जाता है।

GSTIN – जीएसटी पहचान संख्या

GSTIN, जिसे जीएसटी पहचान संख्या (Goods and Services Identification Network) के रूप में जाना जाता है, प्रत्येक जीएसटी पंजीकृत व्यक्ति (GST Registered Person) को सौंपा गया है।

GSTIN in hindi
GSTIN in hindi

उदाहरण के लिए, 27AAAAA1234O1Z5 (15 अल्फ़ान्यूमेरिक पैन सहित नंबर):

  • पहले शुरू के 2 अंक राज्य के कोड होते ह, जैसे 27 – महाराष्ट्र, 07 – दिल्ली
  • अगले 10 अंक जीएसटी पंजीकृत करने वाले व्यक्ति के पैन कार्ड नंबर (AAAAA1234O) होते है।
  • आखिरी के 3 अंक 1Z5 – रैंडम (जोनल कोड) कोड होते है।

Intrastate Supply and Interstate Supply in Hindi

GST मे Intrastate और Interstate का भी बहुत महत्व होता है। इसीलिए आपको इसके बारे मे भी जानकारी होनी चाहिए। अंतरराज्यीय को हिन्दी मे राज्यांतर्गत और Interstate को अंतरराज्यीय भी कहा जाता है।

Intrastate Supply क्या है?

राज्यांतर्गत आपूर्ति (Intrastate Supply): किसी भी राज्य के अंतर्गत होने वाले खरीद और बिक्री को Intrastate Supply (राज्यांतर्गत आपूर्ति) कहा जाता है।

जैसे किसी माल का उत्पादन महाराष्ट राज्य में हुआ और उसका उपभोग भी महाराष्ट्र राज्य में हुआ तो उसे हम Intrastate Supply (राज्यांतर्गत आपूर्ति) कहेंगे।

Interstate Supply क्या है?

अंतरराज्यीय आपूर्ति (Interstate Supply): जब दो राज्य के बीच कोई खरीद और बिक्री होती है उसे Interstate Supply (अंतरराज्यीय आपूर्ति) कहते है।

उदाहरण: जैसे किसी माल का उत्पादन महाराष्ट राज्य में हुआ और उसका उपभोग गुजरात राज्य में हुआ तो उसे हम Interstate Supply (अंतरराज्यीय आपूर्ति) कहेंगे।

Types of GST in Hindi

चलिए अब थोड़ा GST के अलग अलग प्रकार को समझते हैं, जो नीचे बताए गए है:

  • CGST
  • SGST
  • UTSGST
  • IGST
type of gst in hindi
type of gst in hindi

CGST क्या है?

जीएसटी कानून के तहत CGST का पूर्ण रूप Central Goods and Services Tax (केंद्रीय वस्तु और सेवा कर) है। इसे CGST अधिनियम 2017 के रूप में कहा जाता है।

जब किसी राज्य में किसी वस्तु या सेवा की Intrastate Supply (राज्यांतर्गत आपूर्ति) के अंतर्गत आपूर्ति होती है तो उस माल या सेवा पे जो GST दर लागु होती है उसका आधा हिस्सा CGST के तहत केंद्र सरकार को प्राप्त होता है।

उदहारण के लिए,

  • 100 रुपये के माल का उत्पादन महाराष्ट राज्य में हुआ और उसका उपभोग भी महाराष्ट्र राज्य में ही हुआ।
  • उस माल पर GST अधिनियम के तहत 18% GST Rate से कर वसूलना है।
  • तो 100 रुपये 18% से 18 रुपये का GST Tax वसूला जायेगा।
  • जिसमे से आधा हिस्सा यानी 9 रुपये केंद्र सरकार को CGST के अंतर्गत प्राप्त होगा।

SGST क्या है?

SGST भारत में GST के कर घटकों में से एक है। SGST अधिनियम का विस्तार राज्य के माल और सेवा कर से है। एसजीएसटी राज्य माल और सेवा कर अधिनियम 2017 के अंतर्गत आता है।

जब किसी राज्य में किसी माल या सेवा की Intrastate Supply (राज्यांतर्गत आपूर्ति) के अंतर्गत आपूर्ति होती है, तो उस माल या सेवा पे जो GST दर लागु होती है उसका आधा हिस्सा SGST के तहत राज्य सरकार को प्राप्त होता है।

उदहारण के लिए,

  • 100 रुपये के माल का उत्पादन महाराष्ट राज्य में हुआ और उसका उपभोग भी महाराष्ट्र राज्य में ही हुआ। 
  • उस माल पर GST अधिनियम के तहत 18% GST Rate से कर वसूलना है।
  • तो 100 रुपये पर 18% से 18 रुपये का GST Tax वसूला जायेगा।
  • जिसमे से आधा हिस्सा यानी 9 रुपये राज्य सरकार यानी महाराष्ट्र सरकार SGST के अंतर्गत को प्राप्त होगा।

UTGST क्या है?

UTGST अधिनियम का विस्तार Union Territory Goods and Service Tax (केंद्र शासित प्रदेश के सामान और सेवा कर) से है।

जब किसी केंद्र शासित प्रदेश में किसी माल या सेवा की Intrastate Supply (राज्यांतर्गत आपूर्ति) के अंतर्गत आपूर्ति होती है तो उस माल या सेवा पे जो GST दर लागु होती है उसका आधा हिस्सा UGGST के तहत केंद्र शासित प्रदेश की सरकार को प्राप्त होता है। नीचे आपको UT कि लिस्ट दी गई है।

  1. Andamans and Nicobar Islands
  2. Lakshadweep
  3. Dadra & Nagar Haveli
  4. Daman and Diu
  5. Chandigarh and 
  6. Other territories

उदहारण के लिए,

100 रुपये के माल का उत्पादन चंडीगढ़ केंद्र शासित प्रदेश में हुआ और उसका उपभोग भी चंडीगढ़ केंद्र शासित प्रदेश में ही हुआ। 

उस माल पर GST अधिनियम के तहत 18% GST Rate से कर वसूलना है।

तो 100 रुपये पर 18% से 18 रुपये का GST Tax वसूला जायेगा। जिसमे से आधा हिस्सा यानी 9 रुपये लक्षद्वीप केंद्र शासित प्रदेश को UTGST के अंतर्गत प्राप्त होगा।

IGST क्या है?

IGST अधिनियम का विस्तार Integrated Goods and Service Tax (एकीकृत माल और सेवा कर) से है।

IGST- Integrated Goods and Service Tax (एकीकृत माल और सेवा कर) का मतलब अंतर-राज्य व्यापार या वाणिज्य के दौरान किसी भी सामान और / या सेवाओं की आपूर्ति पर IGST अधिनियम के तहत लगाया गया कर होगा।

जब किसी माल या सेवा का उत्पादन किसी एक राज्य में हुआ है और उसका उपभोग किसी दूसरे राज्य में हुआ है यानी विक्रेता और खरीदार दोनों अलग-अलग राज्यों में स्थित हैं तब उस माल पर GST केंद्र सरकार द्वारा IGST के रूप में एकत्र किया जाता है और उसक आधा हिस्सा उपभोगता राज्य यानि उस राज्य के साथ साझा किया जाता है जहाँ पे माल का आयात किया गया था।

उदहारण के लिए,

  • 100 रुपये के माल का उत्पादन महाराष्ट्र राज्य में हुआ और उसका उपभोग गुजरात राज्य में हुआ।
  • अब उस माल पर GST अधिनियम के तहत 18% GST Rate से कर वसूलना है।
  • तो 100 रुपये पर 18% से 18 रुपये का GST Tax केंद्र सरकार द्वारा के IGST रूप में वसूला जायेगा।
  • जिसमे से आधा हिस्सा यानी 9 रुपये गुजरात राज्य (उपभोगता राज्य) के साथ केंद्र सरकार द्वारा साझा किया जायेगा।

Types of Dealer in GST in hindi

जीएसटी मे डीलर को दो भागों मे बाटा गया है जो निम्न प्रकार के है।

Regular Dealer (रेगुलर डीलर)Composition Dealer (काम्पज़िशन डीलर)
जिस बिजनस का लेनदेन B2B (बिजनस टू बिजनस) और B2C (बिजनस टू कस्टमर) दोनों प्रकार के ग्राहक से होता है।जिस बिजनस का लेनदेन अधिकांश B2C (बिजनस टू कस्टमर) प्रकार के ग्राहक से होता है।
GST Calculation = Output GST-Input GSTGST Calculation = Output GST (जो कम दर हो)
जीएसटी रिटर्न फाइल: 3B और GSTR1 (मासिक) प्रकार के जीएसटी रिटर्न फाइल करना होता है।जीएसटी रिटर्न फाइल: 4 प्रकार के जीएसटी रिटर्न फाइल करना होता है।
इस प्रकार के डीलर का जीएसटी कर दर ज्यादा होता है। जोकी 0%, 5%, 12%, 18%, 28% होते है।इस प्रकार के डीलर का कर दर कम होता है। जोकी 1% होता है।
Regular Dealer राज्यांतर्गत और अंतरराज्यीय (Intrastate and Interstate) दोनों स्तर पर माल की बिक्री कर कर सकता है।Composition Dealer सिर्फ राज्यांतर्गत स्तर (Intrastate) पर ही बिक्री कर सकता है।
किसी बिजनस का कारोबार 1.5 करोड़ से ज्यादा है तो उसे Regular dealer के रूप मे पंजीकृत करना अनिवार्य है। यदि बिजनस का कारोबार 1.5 करोड़ से कम है तो यह वैकल्पिक होता है।Composition Dealer के अंतर्गत पंजीकृत करने के लिए बिजनस का कारोबार 1.5 करोड़ से कम होना चाहिए।

Input और Output GST

अब बारी Input और Output GST को समझने की।

  • Output GST: जब बिजनेस में हम माल बेचते समय जीएसटी लेते हैं, उसे Output GST कहा जाता है। 
  • Input GST: जब बिजनेस में माल खरीदते वक्त हम जीएसटी देते हैं, तो उसे Input GST कहा जाता है।
  • GST Payable: Output GST से Input GST को घटाने पे हमे GST Payable प्राप्त होता है।

चलिए इसे उदाहरण के रूप मे समझते है:

मान लीजिए राम महाराष्ट्र राज्य मे एक बिजनेस करते है,जहां पर राम अपने बिजनस मे माल किसी एक पार्टी से खरीदते हैं और उसको अपने उपभोक्ता ग्राहक को मुनाफे के साथ बेचते हैं।

अब राम एक 80000 का माल खरीदा जिसपे उन्होंने 18% के रूप 14400 रुपये का GST भुगतान किया (जिसमे SGST 7200 और CGST भी 7200 भी है) तो जिस GST का भुगतान यहाँ राम ने किया उसे Input GST कहा जाएगा।

उसके बाद राम ने उस माल को मुनाफे के साथ किसी कस्टमर को 100000 रुपये मे बेच दिया जिसमे 18% से राम ने 18000 रुपये का GST कस्टमर से प्राप्त किया, जिसे हम Output GST कहेंगे। (जिसमे SGST 9000 और CGST भी 900 भी है)

जब राम GST की Filling करेंगे तब वह Output GST (18000) मे से Input GST (14400) को घाटा के जो राशि (3600) बचेगी वह राम के लिए GST Payable हो जाएगा यानि उतने रुपये (3600) ही राम को GST के रुप मे भरने होंगे।

ब्योराराशिSGST – 9%CGST– 9%कुल GST – 18%
Output GST1000009000900018000
Input GST800007200720014400
GST Payable 180018003600

List of GST Rate

आप नीचे दिए लिंक से हर वस्तु और सेवा पर लागू GST Rate को देख सकते है। जिसे वस्तु या सेवा के नाम से या फिर HSN और SAC नंबर से चेक कर सकते है।

यदि आपको नहीं पता कि HSN और SAC नंबर क्या होते है तो आप नीचे दिए ब्लॉग को पढ़ सकते है:

Read More: HSN Code and SAC Code | बिल में HSN Code और SAC Code क्योँ होता है?

ध्यान रहे कि समय समय पे GST Council द्वारा इसमे बदलाव किए जा सकते है।

GST Rate: https://cbic-gst.gov.in/gst-goods-services-rates.html

Download GST in Hindi PDF Notes

आप GST in Hindi के pdf के नोट्स को हमारे Telegram Channel: Learn More से फ्री मे Download कर सकते है।

निष्कर्ष: आपने क्या सीखा?

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