Learn More

USB का इतिहास। HISTORY OF USB IN HINDI

आजकाल तो हर जगह कोई भी इलेक्ट्रॉनिक्स डिव्हायसेस मे सप्लाय देणे के लिए, एक डिवाइस दुसरे डिवाइस से जोडणे के लिए USB का ही USE किया जाता हैं। पर आपने कभी USB के इतिहास के बारे में सुना हैं, तो चलीये हम इस ब्लॉग में USB का इतिहास जानेंगे।

USB का इतिहास। HISTORY OF USB IN HINDI
USB का इतिहास 
सबसे पहले हम USB का फुल फॉर्म जानेंगे। USB- UNIVERSAL SERIAL  BUS
इसकी खोज कंप्यूटर में पॉवर इंटरफेस, कनेकशन्स और एक कम्युटर्स सें दुसरे कंप्यूटर मे डेटा ट्रान्सफर करने के लिए शुरु हुई। सबसे आसान भाषा मे बोले तो MULTIFUCTIONAL केबल्स को खोजने कि शुरुवात।सात कंपनीयो ने मिलकर १९९४ में USB को डेव्हलोपमेंट स्टार्ट किया।
सात कंपनीया: INTEL, IBM, MICROSOFT, DEC, NEC, COMPAQ अँड NORTEL
उनमे से सबसे पहले INTEL ने इस खोज पर अपना नाम लिखा। और सबसे खास बात है कि ये खोज एक भारतीय संशोधक ने लगाई, उनका नाम हैं – अजय भट्ट
सन १९९५ में अजय भट्ट और उनकी टीम ने पहली USB को डेव्हलोप किया। जो कि इंटिग्रेटेड CIRCIUT  सपोर्टिव्ह थी।

USB के प्रकार 
अलग अलग डिव्हाइसेस के अनुसार USB के प्रकार किये गए हैं।

USB का इतिहास। HISTORY OF USB IN HINDI
TYPES OF USB
  • TYPE- A : यह जादा तर कंप्यूटर जैसे अन्य साधनो को बाहर से कोई भी अन्य डिवाइस कनेक्ट करणे के लिए use करते हैं। कुछ डिव्हाइसेस मे पॉवर सप्लाय देने के लिए भी इसका use करते हैं।
  • TYPE- B : ये दिखने मे SQUARE जैसा दिखता हैं। यह जादातर हमे प्रिंटर, या बडे स्कॅनर मशीन मे, पॉवर डिव्हाइसेस मे इसका इस्तेमाल किया जाता हैं। इसका उपयोग TYPE A के तुलना से बहुत ही कम हैं।
  • MICRO- B : इसका USE सभी करते हैं। अभी के जादातर मोबाईल्स मे इसका USE चार्जिंग कनेक्टर, और डेटा ट्रान्सफर के लिए किया जाता हैं।
  • TYPE- C : ये एक रेव्हर्सिबल USB का TYPE हैं। इसकी क्षमता HIGH SPPED डेटा ट्रान्सफर करने की और HIGH POWER ट्रान्सफर करने की होती हैं।
Special Offer on Our Courses 

LEARN MORE PRO CLICK HERE

आशा है आपको इस ब्लॉग में USB की जानकारी मिली होगी और ऐसे ही ब्लॉग पड़ने के लिए निचे दिए गए लिंक्स पे क्लिक करे |

कंप्यूटर टिप्स   ||  एक्सेल टिप्स   ||  टैली टिप्स  ||  ऑटोकैड टिप्स  || वर्ड टिप्स || एक्सेल एग्जाम  ||  टैली एग्जाम 

Spread the love

Leave a Comment