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What is Ethernet in Hindi

Ethernet क्या है? What is Ethernet? in Hindi

लेकिन इससे पहले मैं आप सभी को कुछ जरुरी बातें बताना चाहता हूँ. आप सभी को ये बात तो पता है की Internet को आये हुए कई साल हो गए। और आप सभी Internet का इस्तेमाल भी करते है, और इस के साथ ही तरह तरह की Technology समय के धीरे-धीरे आ गई है. उसी में से ही एक Technology है, और उस Technology का नाम है Ethernet. वैसे तो आप सभी को इस बात का पता होगा की जब कभी भी Internet की बात होती है वहीँ पे Ethernet की भी बात होती है. अगर आपको ये बात नहीं पता है तो मैं आप सभी को इस Article में बताऊंगा। आप सभी LAN के बारे में जानते ही होंगे। LAN का Full Form है (Local Area Network) और जो है जब कभी भी और कहीं पर भी इस Network के बारे में बात होती है. Ethernet का नाम आप जरुर सुनेंगे.

Ethernet वह तकनीक (Technique) है जो आमतौर पर वायर्ड (Wired) लोकल एरिया नेटवर्क (Local Area Network) में इस्तेमाल की जाती है। LAN कंप्यूटर (Computer) और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस (Other Electronic Devices) का एक नेटवर्क (Network) है जो एक Home, School, College, Hotel, Cyber Cafe और Office etc. जैसे छोटे एरिया (Small Area) को यह जो है कवर (Cover) करता है।

इसका इस्तेमाल जो है WAN (Wide Area Network) के विपरीत (Opposite) किया जाता है। जो बहुत बड़े भौगोलिक क्षेत्र (Geographic Region) पर फैलता है।

Ethernet नियमों (Rules) के एक साधारण सेट का पालन (Set Follow) करता है जो की इस के बेसिक ऑपरेशन (Basic Operation) को कंट्रोल (Control) करता है। इन नियमों (Rules) को बेहतर ढंग से समझने के लिए, ईथरनेट टर्मिनोलॉजी (Ethernet Terminology) के बेसिक (Basic) को समझना बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण है।

ईथरनेट डिवाइस (Ethernet) एक कॉमन मीडियम (Common Medium) से अटैच (Attach) होते हैं, जो एक पथ प्रदान करता है। जिसके साथ इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल ट्रैवल (Electronic Signal Travel) करेंगे।

चलिए अब जान लेते है Ethernet क्या है?

Ethernet क्या है? What is Ethernet in Hindi?

Ethernet को “Ether Net” उच्चारण (Pronounced) किया ज्याता है. ये एक LAN है और LAN का Full Form है (Local Area Network) और ये जो है Local Area Network की Technology है. इस Technology की मदद से Computers, Laptops और Networking Devices को आपस में Connect किया ज्याता है। और Information, File, Folder, Email, Data को Share किया जाता है.

जैसे की Office, College, School, Cyber Café, में किया जाता है. “Ethernet” TCP/IP Stack के Data Link Layer का एक Protocol है. Ethernet Technology की मदद से ही LAN (Local Area Network) में अलग अलग Computers आपस में Information Share करते हैं.

Segment: – इसे हम एक सिंगल शेयर मीडियम को ईथरनेट सेगमेंट के रूप (A Single Share Medium as an Ethernet Segment) में देखते हैं।

Node: –  उस सेगमेंट (Segment) से अटैच डिवाइस (Attach Device), जो स्टेशन (Station) या नोड्स (Nodes) हैं। नोड्स कंप्यूटर (Computer), राउटर (Router), और अन्य (Other) जैसे डिवइसेस (Devices) हैं जो ईथरनेट के माध्यम से कम्‍युनिकेट (Communicate) करते हैं।

Frame: –  नोड्स शॉर्ट मैसेज (Nodes Short Message) में कम्‍युनिकेट (Communicate) करते हैं, जिसे फ़्रेम (Frame) कहा जाता हैं। जो इनफॉर्मेशन (Information) के विभिन्न आकार (Different Sizes) के होते हैं।

ईथरनेट प्रोटोकॉल फ्रेम बनाने (Create Ethernet Protocol Frame) के लिए नियमों (Rules) का एक सेट निर्दिष्ट (Assign a Set) करता है। फ्रेम (Frame) के लिए स्पष्ट न्यूनतम और अधिकतम लंबाई (Apparent Minimum and Maximum Length) हैं, और इनफॉर्मेशन (Information) के आवश्यक टुकड़ों का एक सेट जो फ्रेम (A Set of Pieces that Frame) में दिखाई देना चाहिए।

प्रत्येक फ्रेम (Each Frame) में, उदाहरण के तौर पर, एक डेस्टिनेशन एड्रेस (Destination Address) और एक सोर्स एड्रेस (Source Address) दोनों शामिल होने चाहिए, जो मैसेज (Message) के रेसिपिएंट (Recipients) और सेंडर (Sender) की पहचान करता है।

ये Protocol मतलब Ethernet का काम ये होता है की Information जो है किस Format में Transmit होगा. जैसे की वो एक LAN (Local Area Network) में Information अच्छे से एक दुसरे Computer तक पोहंच सके बिना किसी Error के.

Ethernet जो है LAN (Local Area Network) में Networking Devices के बिच में Information
को एक दूसरे के साथ Communication करवाता है. आपको जो है इस को अच्छे से समजने के लिए एक उदहारण लेते हैं. जैसे की आपकी एक Computer Class है. जहाँ पे Ethernet Cable मतलब TPC (Twisted Pair Cable) की मदद से ही सारे Computer आपस में Connected होते हैं.

Ethernet जो है एक नेटवर्क प्रोटोकॉल (Network Protocol) है, जो की यह कंट्रोल (Control) करता है कि LAN (Local Area Network) पर डेटा (Data) कैसे ट्रांसमिट (How to Transmit) किया जाए। तकनीकी रूप (Technical Form) से इसे IEEE 802.3 प्रोटोकॉल (Protocol) के रूप (Form) में जाना जाता है।

 

यह प्रोटोकॉल प्रति सेकंड एक गिगाबिट की स्‍पीड से डेटा ट्रांसफर (Protocol Data Transfer
from One Gigabit Speed Per Second)
करने के लिए और समय के साथ-साथ ही यह धीरे-धीरे विकसित (Developed) और इसमे सुधार (Improvement) भी होता रहा है।

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Ethernet लोकल एरिया नेटवर्क (Local Area Network) में इस्तेमाल की जाने वाली एक नेटवर्किंग टेक्नोलॉजीज (Networking Technology) है। और सिस्‍टम (System) की एक श्रृंखला (Chain) है, जहां कंप्यूटर प्राथमिक फिजिकल स्‍पेस (Computer Primary Physical Space) के भीतर कनेक्‍टेड (Connected Inside) होते हैं।

लेकिन जो किसी और Computer की Information आपके पास आपके Computer तक पोहंच ती है, उसी Technology को  Ethernet कहते है. जिसको EP (Ethernet Protocol) भी बोला जाता है. वैसे आपको ये तो पता होगा OSI Network Model के 7 Layers होते हैं। उन में से जो है “Ethernet” DLL (Data Link Layer) और PL (Physical Layer) दोनों में काम करता हैं.

Ethernet Data Transmission में दो तरह के यूनिट (Unit) का इस्तेमाल किया जाता है। पहला है  Frame और दूसरा है Packet.

Frame केवल Payload को लेके नहीं जाता है, बल्कि वो जो है MAC Address को भी साथ में लेके जाता  है. MAC Address Computer का एक Address होता है। जैसे की वो Sender और Receiver Computers का पता प्राप्त (Get Address) कर सके. चलिए अब कुछ और भी बातें जान लेते हैं।

Ethernet का इतिहास क्या है? History of Ethernet in Hindi

शुरुवात में Ethernet को AAN कहा जाता था। और AAN का Full Form है Alto Aloha Network. इस को बनाने वाली Company का नाम है, Xerox PARC. जिसको सन 1973 में Robert Metcalfe ने Invention किया था। कुछ लोगों के साथ मिल कर ये एक पहला Network था। जो की CSMA/CD था।

और CSMA/CD का Full Form है (Carrier Sense Multiple Access/ Collision Detection) और इस Technology का इस्तेमाल करते थे. और Ethernet जो है तब से लेकर अब तक का सबसे तेज और भरोसे मंद Network रहा है. जो की अब हर जगह मौजूद (Present) है. सन 1980 तक ये दुनिया के हर जगह इस्तेमाल होने लगा था.

एक चीज़ का आप सभी ध्यान रखे की Ethernet शुरुवाती दौर में अधिकतम (Maximum) 10 Mega Bits Per Second की Speed से चलता था. उस के बाद धीरे धीरे बदलते Technology की वजह से 100Mbps की Speed से ये काम करने लगा जिसको FE (Fast Ethernet) बोला गया था. और उसके बाद में 1000Mbps जिस को GE (Gigabit Ethernet) बोला गया था। और 10 Gigabit Ethernet तक अब Speed है. जो की अब के इस दौर में सबसे ज्यादा तेज है. आम तौर पर Ethernet Cable की लम्बाई (Length) 100 मीटर (Meter) होती थी। लेकिन इस Cable की मदद से हम School, College और Office और Cyber Cafe को आसानी से जो है हम Connect कर सकते हैं. चलिए अब मैं आपको ये बताऊंगा की Ethernet Network के लिए कोनसे Component चाहिए?

Ethernet Network के लिए कोनसे Component की जरूरत होती है?

  1. Ethernet Cable
  2. Ethernet HUB
  3. Crossover Cable
  4. Router

चलिए अब मैं आप सभी को इन चारों Components के बारे में एक एक करके बताऊंगा तो चलिए फिर शुरू करते है।

सबसे पहला है Ethernet Cable.

1) Ethernet Cable

Ethernet Cable की मदद से दो या फिर दो से अधिक (More) Computers को आपस में जोड़ (Connect) कर सकते हैं. जिसके जरिये Data या फिर Information को आसानी से Share कर सके. LAN (Local Area Network) Network में एक ही तरह के ईथरनेट Ethernet Cable का इस्तेमाल होता है. इन Cables के उदाहरण (Examples) जैसे की TPC (Twisted Pair Cable) और FOC (Fiber Optic Cable).

चलिए अब मैं आपको दूसरे Ethernet HUB के बारे में बताऊंगा।

2) Ethernet HUB

ये एक Networking Device है, जिसके जरिये हम सारे Computers के तार (Cable) को आपस में जो है  जोड़ (Joint) सकते हैं. Hub जो है एक Network के सभी Computers को अपसा में जोड़ता है. एक Hub में बोहत सारे Ethernet Port होतें है. जिस में इन तार (Cables) को जोड़ा जाता है.

चलिए अब हम तीसरा Crossover Cable के बारे में जान लेते हैं।

3) Crossover Cable

इस Cable को हम जो है Ethernet Cable के बदले में आसानी से इस्तेमाल कर सकते है. इसका भी वही काम है, जब हम दो या फिर दो से अधिक (More) Computers को आपस में Connect करते है। तब जो है इसका इस्तेमाल होता हैं. चलिए अब मैं आप सभी को Router के बारे में बताऊंगा।

4) Router

इसका नाम तो आप जरूर सुने ही होंगे जब भी हम WIFI Network की बात करते हैं. ये शब्द (Word) आपने जरुर सुनने को मिलेगा. Router भी जो है एक Networking Device है। जिसके जरिए Network से आने वाला Data Computer तक आसानी से पहुँचता है. और Computer से Data / Information दुसरे Network में चला जाता है. ये Device Router जो है रास्ता निर्धारित करती है. अब तक आप सभी जान ही गए होंगे की Ethernet क्या है. और ये कैसे काम करता है। अभी मैं आप सभी को ये बताऊंगा की Ethernet जो है कितने प्रकार (Type) के हैं?

Ethernet Network के प्रकार? Types of Ethernet Network? in Hindi

  1. Ethernet (ईथरनेट)

अब तक तो आप सभी को ये तो पता चल ही गया होगा की Ethernet एक LAN (Local Area Network) Technology है. क्या आप ये बात जानते है एक SEN (Standard Ethernet Network) जो है 10 Megabits Per Second पर काम करता है. और जो है इस Technology का Performance जो है काफी ज्यादा अच्छा है। क्यूंकि ये जो है सस्ता और अच्छा है, और HSDT (High Speed Data Transmission) देता है। आसानी से हम इसे Install भी कर सकते हैं।

ये दुनिया के सारे Computers का एक ULAN (Universal Local Area Network) Network Technology है. 10 BASE-T ईथरनेट Ethernet Technology का एक उदहारण भी है. ये सभी Protocols को ये Support करता है, इसलिए ये सबसे ज्यादा ख़ास हैं.

Institute for Electrical and Electric Engineering ने एक Ethernet Standard को बनाया जिसको (IEEE Standard 802.3) बोला जाता है. इस Standard में कुछ Rule बनाये गए थे। जिस्से के सभी Ethernet Network को आसानी से जो है Configure किया जा सके. इसके साथ-साथ जो है इन RULES की मदद से जितने भी इस Network के Elements है वो आपस में Interact कर सके. और सभी के साथ Communicate कर सके.

  1. Fast Ethernet

धीरे-धीरे Ethernet का अगला Standard जो है उभर के आया. जिसको बोला गया है Ethernet Standard IEEE 802.3u. और जो है, सबसे जरूरी बात ये है की इसकी Transmission Speed करीबन करीबन 10 Mbps से 100 Mbps है. बस Ethernet Cable में थोड़े बोहत बदलाव किये गए, और Fast Ethernet बनाया गया. Fast Ethernet का Throughput जो है “Videos, Multimedia, Graphics, Internet” के मामले में बोहत ज्यादा बढ़िया है. इस में Error Detection और Correction का Mechanism इस्तेमाल हुआ है.

वैसे तो 3 प्रकार (Types) के Fast Ethernet है। 100BASE-XT इसको Level 5 UTP (Unshielded Twisted Pair) Cable के साथ इस्तेमाल किया जाता है। 100BASE-FX को FOC (Fiber Optics Cable) के साथ इस्तेमाल किया जाता है। 100BASE-T4 जो 2 EXTRA Wire को इस्तेमाल करता है. इसको level 3 UTP के साथ इस्तेमाल किया जाता है. 100BASE-TX जो की बहुत ही लोक प्रिय (Popular) FES (Fast Ethernet Standard) है.

अगर आप पहले से मौजूद 10BASE-T Ethernet में बदलाव करके अगर आप 100BASE-T को Configure करना चाहते हो तो आपको कुछ चीजों का ध्यान रखना बोहत ही ज्यादा जरुरी है. जैसे कितने User हैं, और क्या-क्या Hardware चाहिए।

  1. Gigabit Ethernet

Multimedia और Voice Over IP (VoIP) का इस्तेमाल करने के लिए तेज (Fast) चलने वाले Network की जरुरत पड़ती है.  इस Speed को हासिल करने के लिए Gigabit Ethernet को बनाया गया है. इस को “Ethernet-Over-Copper” 1000BASE-T, 1000BASE-SX, 1000BASE-LX, और GigE ये सब इसके उदहारण है. इस को IEEE 802.3z Standard में निर्धारित किया गया है. ये 100BASE-T से 10 गुना तेज (Fast) है.

अभी मौजूदा 10 और 100 Mbps Cards को हम Gigabit Ethernet में डाल भी सकते हैं. जिसकी मदद से हम Switches, Routers और Server को Interconnect भी कर सकते हैं। और इसके Performance को भी बढ़ा सकते हैं। DLL (Data Link Layer) की उपरी परत से अगर हम ध्यान से देखेंगे तो Gigabit दुसरे Ethernet के समान ही दिखेगा. और इसका Implementation भी वैसे ही है. दोनों Ethernet मतलब Fast  और Gigabit  में महत्वपूर्ण अंतर बस यही है. Gigabit Ethernet Full Duplex को समर्थन करता और Data Rate भी काफी अच्छा है.

  1. 10 Gigabit Ethernet

ये सबसे तेज और सबसे आधुनिक Ethernet Standard  है. जो की IEEE 802.3ae Version में आता है. इसकी Data Transfer रेट की बात करें तो 10 GBPS पर काम करता है. ये पहले वाले Gigabit Ethernet से 10 गुना तेज है.

दुसरे Ethernet से भिन्न, ये पूरी तरह से Optical Fiber Cable Connection पे काम करता है. ये Standard  LAN Design से काफी अलग है। क्यूंकि ये Data को सारे Nodes पे Broadcast मतलब प्रसारित करता है. अब तक इसको Commercial Standard की स्वीकृति नहीं मिली है. क्यूंकि ये पूरा नया है. और वैसे इसके Media Type के बारे में निचे Table में दिया गया है.

Table को देख के आप आसानी से सब समझ सकते हो. जैसे की कुछ जानकारी दी गई है IEEE Standard, data rate, Media type और Maximum Distance.

Ethernet कैसे काम करता है? How Ethernet Works? in Hindi

वायर्ड कनेक्शन (Wired Connection) पर कंप्यूटर (Computer), राउटर (Router) और प्रिंटर (Printer) जैसे डिवाइसेस (Devices) को कनेक्‍ट (Connect) करने का स्‍टैंडर्ड तरीका (Standard Way) ईथरनेट है।

ईथरनेट में, डिवाइस प्रतीक्षा (Device Waiting) करते हैं और नेटवर्क (Network) में कम्‍युनिकेशन (Communication) करने के लिए फ्री टाइम स्लॉट (Free Time Slot) की तलाश करते हैं।

जब मीडियम पर डेटा ट्रांसमिट (When Transmitting Data Over Medium) करने वाला कोई डिवाइस (Any Device) नहीं होता, तो प्रतीक्षा करने वाला डिवाइस डेटा ट्रांसमिट (Device Data Transmit) करने का अवसर लेता है।

क्यूंकी ईथरनेट मीडियम पर एक सिग्‍नल प्रत्येक अटैच नोड (Because a Signal on the Ethernet Medium is Each Attached Node) तक पहुंचता है, इसलिए डेस्टिनेशन एड्रेस फ्रेम (Destination Address Frame) के इच्छित रेसिपिएंट की पहचान करने के लिए महत्वपूर्ण है। (It is Important to Identify the Recipients.)

अगर आपके पास थोड़ा Computer Science का Knowledge है तो बड़ी आसानी से आप इस को समझ सकते हो. लेकिन हम आपको सरल भाषा में इसको समझते हैं. जैसे की आपको पता है Ethernet एक LAN Technology है। जिसमे Data “Packet और Frame” के Unit में Travel करता है. ये भी उपर समझाया गया था की ये CSMA/CD (Collision Sense Multiple Access/ Collision Detection) Mechanism का इस्तेमाल करता है.

CSMA/CD मदद से जब भी Ethernet Network में एक Computer दुसरे Computer को Packet (Data) भेजता है. तब ये Main तार (Cable) को Sense करता है (क्या पता Main Cable में कोई Packet पहले से ही हो). अगर तार (Cable) में कोई Packet नहीं है, तब Ethernet Packet को Main तार (Cable) में Send करता है. Main तार (Cable) वही है जिसके साथ सारे Computers जुड़े हुए होते हैं) Network में जितने भी Devices या फिर Computer Connected है वो सब उस Packet के Destination Address को Check करते हैं. और जिस के साथ वो Address मिलता है, वही उस Packet को ले लेता है.

Ethernet कम्युनिकेशन (Communication) का इस्तेमाल करने वाले सिस्टम डेटा स्ट्रीम (System Data Stream) को पैकेट (Packet) में विभाजित (Split) करते हैं। जिन्हें फ्रेम (Frame) के रूप (Form) में जाना जाता है। फ्रेम्स (Frames) में सोर्स और डेस्‍टीनेशन एड्रेस इनफॉर्मेशन (Source and Destination Address Information) होती हैं। साथ ही इस में ट्रांसमिटेड डेटा (Transmitted Data) और रिट्रांसमिशन रिक्‍वेस्‍ट के एरर  (Error of Retransmission Request) का पता लगाने के लिए इस्तेमाल  की जाने वाला मैकेनिजम शामिल (Mechanisms Incorporated) हैं।

अगर Main Cable ब्यस्थ है तो तो वो Computer 1 second के 1000 में हिस्से तक इंतजार करता है और जब भी Main Cable Free होता है वो वापस Packet को भेजता है. CD मतलब Collision Detection की मदद से अगर Network में कहीं भी कोई टकरार हो जाता है. तो ये उसे Detect करके दिखता है और दुसरे Device को बताता है.

अब तक तो आप जान गए होंगे की Ethernet क्या है और कैसे काम करता है. लेकिन अब थोडा बोहत Ethernet Cable के बारे में जान लेते हैं। चलिए अब मैं आप सभी को Different Types of Ethernet Cables के बारे में बताने जा रहा हूँ।

Different Types of Ethernet Cables

ईथरनेट टेक्‍नोलॉजी (Ethernet Technology) के विभिन्न प्रकारों (Different Types) को नीचे दिए गए केबल्स (Cables) के टाइप (Type) और Diameter के अनुसार नामित (Named According) किया गया है।

10Base2: – Thin Ethernet (एक पतली Coaxial Cable का इस्तेमाल होता है।)

10Base5: – Thick Ethernet (एक मोटी Coaxial Cable का इस्तेमाल होता है।)

10Base-T: – Twisted-Pair का इस्तेमाल किया जाता हैं और प्राप्त स्‍पीड लगभग (Acquired Speed Approx) 10 Mbps है।

100Base-FX: – मल्टीमोड फाइबर ऑप्टिक (Multi Mode Fiber Optics) का इस्तेमाल कर के 100 Mbps की स्‍पीड प्राप्त (Speed Received) करना संभव बनाता (Makes Possible) है।

100Base-TX: – 10Base-T के समान, लेकिन 10 गुना अधिक (10 Times More) (100 Mbps) की स्‍पीड के साथ।

1000Base-T: कटैगरी 5 केबल्स (Cables) की एक डबल-ट्विस्ट जोड़ी (A Double-Twist Pair) का इस्तेमाल करता है, और प्रति सेकंड एक गिगाबिट तक की स्‍पीड देता है।

1000Base-SX: मल्टीमोड फाइबर ऑप्टिक (Multimode Fiber Optic) के आधार (Base) पर 850 नैनोमीटर (770 से 860 nm) के एक शॉर्ट (Short) Wavelength Signal का इस्तेमाल करता है।

1000Base-LX: मल्टीमोड फाइबर ऑप्टिक के आधार पर 1350 nm (1270 से 1355 nm) के लंबे wavelength signal का इस्तेमाल करता है। ईथरनेट (Ethernet) व्यापक रूप (Broad Form) से इस्तेमाल की जाने वाली नेटवर्क तकनीक (Network Technology) है। क्योंकि ऐसे नेटवर्क (Network) की लागत बहुत अधिक (Cost too High) नहीं है।

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